May 2, 2024

K-Life is happy to have best quality Hba1c Analysers and Blood Glucose Meters having US FDA certifications.
Whats App: 9810113243 : Email – verma@klifecare.com

www.klifecare.com

 

आओमिलकर लड़े मधुमेह से

डायबिटीज एक ऐसा रोग है, जिसमें आपका शरीर उस भोजन का समुचित रूप से उपयोग नहीं कर पाता, जिसे आप ऊर्जा प्राप्त करने के लिए खाते हैं । कोषाडुओ को जीवित रहने तथा विकसित होने के लिए ऊर्जा  की आवश्यकता होती है । जब भोजन करते हैं तब यह ऊर्जा के एक रूप मे विखंडित हो जाता है , जिसे ग्लूकोस कहते है। ग्लूकोस शर्करा का ही दूसरा नाम है । ग्लूकोस रक्त में जाता है और रक्त शर्करा बढ़ जाती है । इंसुलिन एक ऐसा हॉर्मोन है जो शरीर में अग्न्याशय (पैन्क्रियाज़) में बनता है । यह ग्लूकोस को रक्त से कोषाडुओ में पहुँचाने में सहायक होता है, जिससे शरीर, इसका ऊर्जा हेतु उपयोग  कर सके। इंसुलिन के बिना जीवित रहना संभव नहीं है ।  डायबिटीज के  मरीजों में आँखों, गुर्दों, मस्तिष्क, हृदय के क्षतिग्रस्त होने से इनके गंभीर, जटिल, घातक रोग का खतरा बढ़ जाता है

नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ नयुटीशन (NIN) के द्वारा भारतवर्ष में की गयी स्टडी के मुताबिक डायबिटीज का प्रसार महिलओं में 19% तक पाया गया है। इसका कारण मोटापे, शारीरिक निष्क्रियता और हय्पेर्लिप्देमिया है। इसके अलावा हाइपरटेंशन अर्बन महिलओं में 26% से 31% बड गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2017 वर्ल्ड डायबिटीज डे की थीम भी “वूमेन एंड डायबिटीज – आवर राइट टू हैल्थी फ्यूचर” रखी गयी है।

WHO के मुताबिक 80% डायबिटीज से डेथ निम्न और मध्यम आय प्रदेशो में होती है और यह परियोज करती है यह आंकड़े 2030 तक दुगने हो सकते है। यह भी अनुमान लगाया गया है 2030 तक टाइप-2 डायबिटीज 285 से बड़कर 438 मिलियन हो सकते है। इसके अलावा, इंडिया में यह 58% से बढेगा जो 2010 में 51 मिलियन था और 2030 में 87 मिलियन पहुँच सकता है। विचार-विमर्श एक तरफ है, पर यह हमारी फंडामेंटल ड्यूटी है की हम डायबिटीज की पूरी जानकारी रखे।

मधुमेह (डायबिटीस) के कारण एवं लक्षण

अनुवांशिकता टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज दोनों प्रकार में जिम्मेदार हो सकती है. अगर किसी के माता पिता डायबिटीज से कभी ग्रस्त रहे है तो उन्हें डायबिटीज होने का खतरा ज्यादा होता है क्युकी यह अनुवांशिक बीमारी है. इसके अलावा इन्सुलिन हार्मोन्स का कम निर्माण और खून में शुगर का अधिक होना भी डायबिटीज का एक प्रमुख कारन है. साथ ही मोटापा बढ़ना भी डायबिटीज का एक मुख्य कारक है। अगर वजन बहुत बढ़ा हुआ है या बीपी बहुत हाई है और कॉलेस्ट्रॉल भी संतुलित नहीं है तो डायबिटीज होने का खतरा कई अधिक हो जाता है

डॉ साकेत कांत, सीनियर एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट के  अनुसार डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्ति यदि इसके कुछ लक्षणों को ध्यान में रखे तो इस बीमारी का पता स्वयं  कर सकता हैं, डाईबेटिस से ग्रस्त व्यक्ति में प्रायः निम्न लक्षण देखे जा सकते है! पेशाब का बार बार आना, दृष्टि में धुंदलापन, ज्यादा प्यास का लगना, त्वचा पर खुजली होना, ज्यादा थकन महसूस होना, असामान्य तरीके से भूख का लगना, वजन मैं असामान्य गिरावट आ जाना, हलके-फुल्के घाव लगने पर भी उसके भरने में ज्यादा समय लगना, आदि.

क्लिनिकल डायरेक्टर, डॉ श्वेता गुप्ता, फर्टिलिटी सौल्यूशन मेडिकवर फर्टिलिटी का कहना है कि दुनिया के अन्य हिस्सों में भी पुरुषों के बीच मधुमेह जैसा गंभीर रोग काफी आम है। कुछ मामलों में मधुमेह से ग्रस्त पिता बिना किसी समस्या के एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकता है। वहीं दूसरी ओर मधुमेह से ग्रस्त पुरुष को बांझपन जैसी गंभीर बिमारी का सामना भी करना पड़ सकता है। कई मधुमेह के पुरुष, जो इंसुलिन पर निर्भर हैं वो पूरी तरह स्वस्थ जीवन जीते हैं जब तक कि वे अपने आहार पर ध्यान दे और वजन जांच करवाते रहें।

 

डाईबेटिस के प्रकार

  • टाइप 1 डायबिटीज: इस प्रकार की देबेटेस में शरीर इन्सुलिन बनाना बंद कर देता है . ऐसे में मरीज को शरीर के बाहर से इंसुलिन देनी पड़ती है . इसे इन्सुलिन-डिपेंडेंट डायबिटीज मेलिटस ,आई.डी.डी.ऍम भी  कहते हैं
  • टाइप 2 डायबिटीज: टाइप २ डाईबेटिस में शरीर में सेल्स प्रोडूस हो रही इंसुलिन पर प्रतिक्रिया नहीं करते.  इसे नॉन-इन्सुलिन-डिपेंडेंट डायबिटीज मेलिटस,एन.आई.डी.डी.ऍम भी कहते हैं
  • गेस्टेशनल डायबिटीज:ये उन महिलाओं को होता है जो गर्भवती हों और उन्हें पहले कभी डायबिटीज की शिकायत न रही हो. प्रेगनेंसी के दौरान खून में ग्लूकोज़ की मात्रा आवश्यकता से अधिक हो जाने के कारण होता है

डॉ मनीष मोहिल, सीनियर कंसलटेंट, इंटरनल मेडिसिनपीएसआरआई अस्पताल बताते है
डाईबेटिस से कैसे करे बचाव

 

  • डाईबेटिसको कंट्रोल करने के लिए बेहद ज़रूरी है अपनी डाइट मेंटेन करना
  • शारीरिक व्यायाम करना सबसे सर्वोत्तम तरीकों में से एक है
  • पर्याप्त नींद न लेना कई बीमारियों को न्योता है जिसमेडाईबेटिस भी एक है, इसीलिए पर्याप्त नींद अवश्य ले
  • धूम्रपान छोड़कर कर सकते हैडाईबेटिस की रोकथाम
  • तनाव को अपने ऊपर हावी न होने दे
  • शारीर का वजन नियंत्रण में रखना भी कई बीमारियों से दूरी बना सकता है

 

उपचार

 

डाईबेटिस को नियंत्रण में रखने के लिए कई दवाओ व् इंसुलिन को प्रयोग में लाया जाता है। संभवतः यह कहा जा सकता है के आने वाले समय में जल्द ही इसका इलाज संभव हो पायेगा।

 

कुछ आवश्यक जानकारी

  • टाइप 2 डायबिटीज से ग्रस्त मरीज़ो की उम्र स्वस्थ्य लोगों की अपेक्षा 5 – 10 साल कम हो जाती है
  • टाइप 2 डायबिटीज सबसे ज्यादा होने वाली डायबिटीज है
  • जरुरी नहीं है की डायबिटीज ज्यादा उम्र के लोगो में ही हो, बच्चे भी इसका शिकार बन्न सकते है
  • भारत में,इलाज ना करा पाने के कारण हर साल करीब 27000 बच्चे डायबिटीज की वजह से मर जाते हैं.
  • जीवनशैली में सही परिवर्तन से डायबिटीज के दुष्परिणाम को 80 प्रतिशत तक रोक जा सकता है डायबिटीज एक अनुवांशिक बिमारी है, जिसका मतलब यदि परिवार में पहले किसी को ये बिमारी रही हो तो आपको भी हो सकती है.
  • भारत में हर 5 में से 1 व्यक्ति डायबिटीज से प्रभावित है.
  • अगर डाईबेटिस कंट्रोल ना कि जाये तो ये हार्ट-अटैक, ब्लाइंडनेस, स्ट्रोक (आघात), अथवा किडनी फेलियर जैसी जानलेवा बिमारी को भी जन्म दे सकती है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *